इस में आर्टिकल हम बात करने जा रहे है, हवा शीतलन प्रणाली (Air Cooling System) की। लेकिन अपने कभी सोचा हवा को किस प्रकार से ठंडा किया जाता है, इसलिए इस लेख के माध्यम से हवा को ठंडा करने की विधि और इसके इतिहास के बारे में चर्चा करेंगे। सबसे पहले हम आपको बताते चलते है कि हवा दो प्रकार से उत्पन्न होती है। जैसा कि एक तो हम सब जानते वह है प्राकृतिक द्वारा हवा उत्पन्न होना और दूसरा जब यांत्रिक मशीन के द्वारा हवा को उत्पन्न किया जाता हैं।
फैन को किसने अविष्कार किया था ?(Who was invented Fan?)
आपने फेन के बारे में सुना ही होगा तो चलिए जानते है फेन को किसने अविष्कार किया था। शूयलर स्कैट्स व्हीलर (Schuyler Skaats Wheeler) का जन्म सन 17 मई 1860 को अमेरिका के न्यूयोर्क सिटी में हुआ था। जोकि एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे। इन्होने सन 1882 में एक इलेक्ट्रिक मोटर के शाफ्ट पर दो-ब्लेड वाले प्रोपेलर को लगाकर बिजली के पंखे का आविष्कार किया। इसे “बुल फैन” के रूप में जाना जाता था।
सीलिंग फैन को किसने अविष्कार किया था? (Who was invented Ceiling Fan)
आपने घर की छत पर सीलिंग फैन तो देखा ही होगा। व्हीलर के कुछ समय बाद जर्मन इंजीनियर ने फेन में मोटर का उपयोग करके सीलिंग फेन को बनाया। फिलिप एच. डाइहाल (Philip H. Diehl) का जन्म सन 26 जनवरी 1847 को जर्मनी के दलसिम में हुआ था। जोकि एक जर्मन-अमेरिकन यांत्रिक इंजीनियर थे।
इन्होंने सन 1882 में बिजली के रूप में चलने वाले सीलिंग फैन का अविष्कार किया था। इन्होंने सिंगर सिलाई मशीन में लगी मोटर को निकाल कर फिर उस मोटर को फैन में उपयोग किया, उसके बाद उस फैन और मोटर को छत में लगा कर चालू किया इस तरह से उन्होंने सीलिंग फैन का अविष्कार किया था।
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वायु शीतल का क्या अर्थ हैं? हवा शीतलन प्रणाली क्या होता हैं? (What is Cooling?)
हवा को पानी के माध्यम से गुज़ार कर ढंडा किया जाता है तो उस विधि को प्राकृतिक कूलिंग (Air Cooling) कहते हैं। सबसे पहले हम आपको बताते चलते है, कि हवा दो प्रकार से उत्पन्न होती है। एक प्राकृतिक और दूसरी यांत्रिक द्वारा।
- प्राकृतिक (Natural)
जब हम अपने घरों में दरवाज़े, खिड़कियों और दिवार में लगे होल द्वारा प्राकृतिक हवा को इमारत के अंदर लाते है फिर उसी के सामने लगे खिड़की और दिवार में लगे होल द्वारा बाहर निकाल जाए उसे प्राकृतिक कूलिंग (Natural Cooling) कहते है।
- यांत्रिक (Mechanical)
जब हम किसी मैकेनिकल मशीन द्वारा जैसे किसी मोटर की शाफ़्ट में पंखड़ी या दो या तीन या चार ब्लेड लगाकर, फिर बिजली देकर जिससे मोटर की सहायता से ब्लेड को घुमाने हवा आने लगती हैं उसे मकेनिकल कूलिंग कहा जाता हैं।
हवा शीतलन प्रणाली कैसे और कितने प्रकार का होता हैं। (How and how many types of air cooling systems are there?)
हवा शीतलन प्रणाली (Air Cooling System) की। लेकिन अपने कभी सोचा हवा को किस प्रकार से ठंडा किया जाता है, हवा को ठंडा करने की विधि बारे में चर्चा करतेहैं। हवा शीतलन प्रणाली दो प्रकार की होती है
- Domestic Air Cooling System
एयर कूलर द्वारा हवा को ठंडा करने की विधि को घरेलू वायु शीतलन प्रणाली (Domestic Air Cooling System) कहते हैं।
अब इसको उदाहरण के माध्यम से समझते है आपने Air कूलर का नाम तो सुना ही होगा। उसमें हम देखते है कि एक मोटर की शाफ़्ट में पंखड़ी या दो या तीन या चार ब्लेड कूलर की बॉडी के एक हिस्से में लगे होते है जहाँ से हवा आती है और एक पम्प कूलर की बॉडी के अंदर लगा होता हैं, बची तीन साइड में जाली और उस जाली में घाँस लगी होती हैं।
जब कूलर को चालू किया जाता है तो कूलर के ब्लेड हवा उत्पन्न करते है दूसरी तरफ पम्प चालू करते ही पम्प पानी को खींचकर जाली में लगी घाँस को गीला कर देता है उसके बाद हवा उन गीली घाँस के माध्यम से गुज़र कर जाती है और हवा ठंडी हो जाती है फिर उस हवा को मोटर और ब्लेड की सहायता से खींचकर बाहर निकलती है जैसे ही वह ठंडी हवा रूम में पहुँचती है उस ठंडी हवा की बजह से रूम का तापमान का होने लगता है इस विधि को एयर कूलिंग (Air Cooling) कहा जाता हैं।
- Industrial Air-Cooling System
किसी कूलर को डक्ट द्वारा हवा को फ़िल्टर द्वारा साफ और ठंडा करने की विधि को औद्योगिक वायु शीतलन प्रणाली (Industrial Air Cooling System) कहते हैं।
एयर वॉशर क्या होता है? (What is the air washer?)
यह एक मैकेनिकल मशीन होती है जिसमें एक तरफ से ब्लोवर मोटर की शाफ़्ट से जुड़ा होता है, दूसरी तरह से हवा फ़िल्टर से साफ होकर अंदर जाती है जिससे हवा साफ और ठंडी हो जाती है जिसे ब्लोवर खींचकर बाहर निकाल देता हैं।
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एयर वॉशर (Air Washer) को साइड से तीन भागों में दरबाज़ो के साथ बाट दिया जाता है जिसमें पहले भाग को फैन सेक्शन कहते है। इस भाग को मोटर और ब्लोवर की मैंटेनैंस के लिए रखा जाता है।
दूसरे भाग को नोज़ेल सेक्शन कहते है इस भाग को शावर नोज़ेल की मैंटेनैंस के लिए रखा जाता है इसी भाग में पम्प भी होता है जोकि पानी को नोज़ेल में प्रेशर से बाहर निकालता है फिर फ़िल्टर से निकलती हुई साफ हवा पानी से टकरा कर ठंडी और साफ हो जाती है। तीसरे भाग को फ़िल्टर के लिए रखा जाता है, जब फ़िल्टर साफ करना हो तो उसे निकाल कर साफ किया जा सकता हैं।
एयर वॉशर (Air Washer) हमेशा बिल्डिंग के बाहर लगाया जाता है इस फ्रेश हवा को ही शुद्ध,साफ़ और ठंडा किया जाता है। एयर वॉशर (Air Washer) की ठंडा हवा को डक्ट के माध्यम से बल्डिंग में ले जाया जाता हैं।
एयर वॉशर (Air Washer) का हमेशा उपयोग कम नमी (Humidity) में किया जाता है। जब मौसम बहुत ज़्यादा ड्राई और गर्म होगा ये तब बहुत अच्छी कूलिंग करता है। इसका उपयोग नमी बढ़ाने में भी किया जाता है। जैसे रसोई वेंटिलेशन (Ventilation) में एयर वॉशर (Air Washer) बहुत उपयोगी होता है, क्योंकि रसोई में गैस चूल्हे से बहुत गर्मी होती है इसलिए गर्म हवा को बाहर और एयर कूलिंग (Air Washer) की ठंडी अंदर ले जा कर नमी (Humidity) को भी मेन्टेन किया जाता हैं।
हम आशा करते है कि अब एयर कूलिंग (Air Cooling) कैसे और कितने प्रकार से होती है ये बहुत अच्छे से समझ आ गया होगा। हम चाहते है टेक्निकल ज्ञान आप इसी तरह से पहुँचता रहें। और आपने अपना अनमोल समय निकाल कर इस पोस्ट को पढ़ा इसके लिए आपको तहे दिल से धन्यवाद करते हैं।