What is the climate and weather?

इस पोस्ट में हम बात करने जा रहें है जलवायु और मौसम की जोकि हमारे जीवन के लिए बहुत ज़रूरी है इसलिए जलवायु और मौसम हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव डालता है, जैसा कि आप जानते है दुनिया के विभिन्न भागो में अलग-अलग मौसम पाए जाते हैं। जो कि हम सबने सुना, देखा और महसूस भी किया हैं।

लोग अक्सर जलवायु और मौसम में हमेशा भ्रम में रहते है, लेकिन सचमुच में इन दोनों में सिर्फ समय का अंतर होता है, आइये फिर इसके बारे में विस्तार से बात करते है।

आज से लगभग 100 साल पहले ब्रिटिश जियोग्राफर एंड्रयू जॉन हर्बर्टसन ने जलवायु और मौसम के बीच अंतर को इस तरह से बयान किया था: आबोहवा वही है जो हम उम्मीद करते हैं, मौसम वह है जो हमें मिलता है।”

जलवायु और मौसम क्या हैं। What is the Climate and Weather?

(Climate) जलवायु या आबोहवा किसी खास इलाके में मौसम का लंबा पैटर्न हैं।

 

(Weather) जबकि मौसम घंटे-घंटे, दिन से दिन, महीने से महीने, या साल दर साल बदल सकता हैं।

किसी भी जगह का मौसम पैटर्न, आम तौर पर कम से कम 30 साल का रिकॉर्ड लिया जाता है तभी उसको उस इलाके का जलवायु माना जा सकता हैं।

Climate System क्या हैं।

आपको पता होगा कि दुनिया के विभिन्न भागो में अलग-अलग मौसम पाए जाते है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ये सब स्थान के ऊपर निर्भर करता हैं।

अगर हम बात करें तो दुनिया के कुछ हिस्सों में जहाँ पर हर दिन गर्म और बारिश होती है। उनके पास tropical wet climate हैं। वह इलाका जहाँ पर पूरे साल गर्मी और भारी बारिश का अनुभव करता है। जिसे वर्षा वन जलवायु भी कहा जाता है। ये इलाके भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में पाए जाते हैं।

दूसरे इलाके कि बात करें तो वहाँ पर बहुत ठंड और बर्फ से ढके होते है उनको पास polar climate हैं। ये वह इलाके है जहाँ पर पूरे साल बहुत ठंड और ज़्यादा तर बर्फ ढके रहते है जिसको ध्रुवीय जलवायु कहा जाता है। ये इलाके भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण के नज़दीक पाए जाते हैं।

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इसलिए Climate System पांच भागो में बाटा गया हैं.

  1. Atmosphere (वायु मंडल)

हम एक अदृश्य महासागर के तल पर रहते हैं जिसे वायुमंडल कहा जाता है, हमारे ग्रह के चारों ओर गैसों की एक परत होती है। इन सूखी हवाओं में 99 प्रतिशत गैसों में नाइट्रोजन और ऑक्सीजन की मात्रा होती है, जिसमें आर्गन, कार्बन डाइऑक्साइड, हीलियम, नियोन और अन्य गैसें मिनटों का भाग बनाती हैं।

  1. Hydrosphere (जल मंडल)

जलमंडल किसी भी ग्रह पर पानी की कुल मात्रा को कहा जाता है। इसको पानी में शामिल किया जाता है जोकि ग्रह की सतह, ज़मीन और हवा में होता है किसी भी ग्रह का जलमंडल तरल, भाप और बर्फ में हो सकता हैं।

  1. Cryosphere (हिम मंडल)

क्रायोस्फीयर ज़मीन की सतह के उन हिस्सों के लिए एक शब्द है जहाँ पानी एक ठोस रूप में है, जिसमें समुद्री बर्फ, झील बर्फ, नदी बर्फ बर्फ की चादरे, जमीं हुई ज़मीन, बर्फ कवर और ग्लेशियर हैं इस तरह से जलमंडल के साथ एक विशाल ओवरलेप हैं।

  1. Land Surface (भूमि की सतह)

ज़मीन पृथ्वी की ठोस सतह है जो कि स्थिर रूप से पानी से ढकी हुई नहीं हैं। अगर हम इतिहास देखे तो पता चल जाएगा जितनी भी इंसानी गतिविधियाँ सब ज़मीन पर हुई है जैसे खेती, रहना, युद्ध, जानवरो का रहना और पेड़ पौधे आदि। पृथ्वी की ज़मीन जलवायु के साथ बहुत प्रभावित करती है क्योंकि ज़मीन गर्म होती है और हवा या पानी की तुलना में तेज़ी से ढंडी होती हैं।

  1. Biosphere (जीव मंडल)

दुनिया का वह हिस्सा जिसमें ज़िन्दगी मौजूद हो सकती है उसे जीवमंडल कहा जाता हैं। पृथ्वी की पपड़ी, पानी और वायुमंडल का वह हिस्सा जो ज़िन्दगी को समर्थन करता हैं उसे जीवमंडल कहा जाता हैं। हम इसको ऐसे भी कह सकते है भूमि, समुद्र और वातावरण के वह हिस्से जिसमें जीव-जंतु रहते हैं उसे जीवमंडल कहा जाता हैं।

अब हम कुछ हद तक जलवायु के बारे में जान चुके है और आपको मौसम के बारे भी पता हो गया होगा।

उम्मीद करता हूँ अब आप कभी जलवायु और मौसम में कभी कंफ्यूज नहीं होंगे। अब आप सोच रहे होंगे Climate और HVACR System में क्या सम्बन्ध होगा चलिए आपको विस्तार से बताते हैं। जैसा कि आप जानते है दुनिया में basically तीन प्रकार के मौसम होते है।

  1. Summer (गर्मी)

जब मौसम का तापमान 30°C के ऊपर जाते ही हवा में थोड़ी नमी कम होने लगती है तभी ड्राई तापमान बढ़ जाता है तो हमें गर्मी का एहसास होने लगता है जिसे हम गर्मी का मौसम कहते हैं। एक समय गर्मियों में ऐसा भी आता है जब तापमान 40°C के ऊपर जाने पर हवा गर्म हो जाती है जिसे भारत में लू के नाम से जाना हैं।

  1. Winter (सर्दी)

जब मौसम का तापमान 25°C के निचे जाने लगता है तो हमें सर्दी का एहसास होने लगता है जिसे हम सर्दी का मौसम कहते हैं। सर्दी के मौसम में दुनिया के कुछ हिस्सों में एक समय ऐसा आता है जब तापमान 0°C के निचे -°C में चला जाता है और उस स्थानों में बर्फ जम जाती है जिससे जीवन पूरी तरह से दुर्लभ हो जाता है।

इस मौसम से लड़ने के लिए रूम हिटर का उपयोग करते हैं और जहाँ पर बिजली नहीं वहाँ पर लकड़ियों को जलाकर अपने आप को सर्दी से बचाया जाता हैं।

  1. Monsoon (बरसात या वर्षा-ऋतु)

मानसून दुनिया के विभिन्न भागो में अलग-अलग मौसम  और समय के हिसाब से होते है, क्योंकि मानसून जलवायु के ऊपर निर्भर करता हैं। मानसून के मौसम में सर्दी और गर्मी दोनों होती है।

दुनिया के जिस किसी भी स्थान में जब भी बरसात का मौसम आता है वहाँ पर अक्सर बाढ़ का प्रकोप रहता है, अगर हम आपको भारत के एक ऐसे स्थान का नाम बताते है जहाँ पर भारत में सबसे ज़्यादा बारिश होती है शायद हो सकता है आपने उस स्थान का नाम सुना हो जिसे चेरापूँजी के नाम से जाना जाता है जोकि पश्चिम बंगाल में स्थित हैं।

आपको मौसम के बारे में पता चल गया होगा जोकि तीन प्रकार के होते है और इस तीनो मौसम में ज़्यादा तर लोगों को तापमान के बारे में पता होता है लेकिन हर मौसम में तापमान दो प्रकार के होते है ये बहुत कम लोगों को पता होता हैं।

Temperature (तापमान)

जब किसी भी चीज़ के ढंडा या गर्म होने का पता चले तो उसको उस चीज़ का तापमान कहते हैं। जैसे जब किसी ऊर्जा का प्रवाह को एक शरीर से दूसरे शरीर के संपर्क लाते है जो ढंडा या गर्म सकता हैं। यह सभी चीज़ो में मौजूद है, जो गर्मी का घटना का स्रोत है। इसको थर्मामीटर से मापा जाता हैं।

तापमान को तीन मात्रक से दर्शाते है Celsius, kelvin और Fahrenheit (°C/°K/°F)

  1. Dry Bulb Temperature (DBT) (शुष्क तापमान)

जब तापमान को हवा के सम्पर्क में मापा जाता है तो ड्राई बल्ब तापमान कहा जाता हैं। इसको आमतौर पर वायु तापमान के रूप में जाना जाता है। ड्राई बल्ब तापमान ambient वायु तापमान को reference करता है इसलिए इसे ड्राई बल्ब कहा जाता है इस तापमान को थर्मामीटर में नहीं देख सकते इसे साइकोमेट्रिक चार्ट सहायता से देखा जाता हैं।

  1. Wet Bulb Temperature (WBT) (नम तापमान)

गीले मलमल को बल्ब के साथ लपेटकर थर्मामीटर का उपयोग करके गीले बल्ब के तापमान को मापा जाता है तो उसे तापमान को वेट बल्ब तापमान कहा जाता हैं।

वेट बल्ब का तापमान हमेशा ड्राई बल्ब तापमान और ड्यू प्वाइंट के बीच होता है, इसे साइकोमेट्रिक चार्ट सहायता से देखा जाता हैं।

  1. Humidity (नमी)

जब हम हवा में नमी के कारण चिपचिपा पन महसूस होता है उस नमी को हवा में उपस्थित होने को humidity कहते हैं। नमी को हवा में देखा नहीं जा सकता है। humidity बारिश, ओस या कोहरे के उपस्थित होने की सम्भावना को बताती है। humidity को % में मापते हैं।

  1. Dry Air (शुष्क वायु)

हवा में नमी नहीं होती है तो उस हवा को ड्राई हवा कहते है या जब हवा में नमी 40% से कम होने लगती है उस समय हवा ड्राई हो जाती है जिसके कारण त्वचा ड्राई हो जाती है।

  1. Wet Air (नम वायु)

हवा में नमी बहुत अधिक हो जाती है तो उस हवा को गीली हवा कहते है या जब हवा में humidity 75% से ऊपर जाने लगती है उस समय हवा डगीली हो जाती है अगर थोड़ा काम करने पर त्वचा में पसीना हो जाता है।

HVAC System पांच चीज़ो पर पूरी तरह से निर्भर होता है जो हमने आपको इस पोस्ट में बताया।

Dry Bulb Temperature Wet Bulb Temperature, Humidity, Dry Air और Wet Air

इन सबको ध्यान में रखकर ही HVAC System को डिज़ाइन किया जाता है

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हम उम्मीद करते है आपको जलवायु और मौसम के बारे में कभी  भ्रम नहीं होंगे, मौसम और HVAC सिस्टम में सम्बन्ध भी समझ में आ गया होगा।

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