इस लेख में हम आपको वेंटिलेशन सिस्टम के बारे बात करने जा रहे है आखिर ये होता क्या है चलिए फिर आज इसके बारे में विस्तार से बात करते हैं। जैसे कि आप जानते है वेंटिलेशन का नाम सुनते ही हमारे दिमाख में एक ही चीज़ आती है हॉस्पिटल का वेंटीलेटर जिस पर उस रोगी को ले जाया जाता हैं।
जिसके शरीर में ऑक्सीजन की कमी से सांस लेने में परीशानी होती है तो उसको वेंटीलेटर के माध्यम से ऑक्सीजन को रोगी के शरीर में पहुँचाया जाता है ऑक्सीजन शरीर में पहुँचते ही फेफड़े काम करना शुरू कर देते हैं।
वेंटिलेशन सिस्टम का सबसे अच्छा उदाहरण हम आपको हवाई जहाज़ का देते है अगर आपने कभी हवाई जहाज़ से कही गए होंगे। तो फिर आपको पता होगा हवाई जहाज़ में दो प्रकार से वेंटिलेशन होता है।
एक तो पूरी तरह सामान्य रूप से सबके लिए ऑक्सीजन के साथ होता है दूसरा अगर किसी को सांस लेने में परीशानी होती हैं। उसके लिए हरेक सीट पर ऑक्सीजन कप लगा होता है जिसको भी ऐसा महसूस होता है वो उसका उपयोग कर सकता है इसके लिए हवाई जहाज़ में एयर होस्टेस होती है जोकि इसके बारे में आपको बताए गी इसका कैसे उपयोग करना है बताती हैं। इसके अलावा हम उदाहरण दे सकते है जैसे पंडुब्बी, चिमनी आदि।
वेंटिलेशन सिस्टम क्या होता हैं? ( What is the ventilation system?)
वेंटिलेशन सिस्टम घरों, रसोई, शौचालय और फैक्ट्री की जहाँ पर इसको बहुत ज़रूरी माना जाता है, इसको अब आपको में विस्तार से बताता हूँ। जब हम अपने घर को बनाते समय कमरे में आने और जाने के लिए दरवाज़े लगाते है वैसे ही हम विन्डो भी लगाते है क्योंकि विन्डो लगाने के तीन कारण होते हैं।
- कमरे में सूर्ये की किरणे पहुँचती रहें।
- कमरे में स्वच्छ हवा आ जाती रजिससे कमरे में बासी (Stale Air) हवा निकल जाए और ताज़ा हवा अंदर आ जाए।
- ऑक्सीजन के स्तर बनाए रखना।
- जब कभी हमें बाहर का view देखना होता है हम विन्डो से बड़ी आसानी से बाहर देख लेते हैं, या फिर कोई आवाज़ आपको देता है तो देखकर पता लगा सकते है कौन आवाज़ लगा रहा हैं।
अब हम बात करते रसोई और शौचालय की ये पुराने ज़माने में थोड़ा दूरी देकर रसोई बनाई जाती थी इसलिए धुआँ कमरे में ना सकें और शौचालय को कमरों और रसोई से बहुत दूर बनाए जाते थे और वेंटिलेशन के लिए दरवाज़े में छोटे-छोटे सुराक़ देकर बनाया जाता था ताकि गंदी हवा बाहर निकल जाए।
ये प्रक्रिया बरसो से इस्तेमाल किया जाता है, जिसे आज भी लगाया जाता हैं मगर आजके दौर में इस तरह आप हर एक जगह नहीं कर सकते है, क्योंकि ये तरीक़ा गाँवो में बड़े घरों में होते है तो यह पूरी तरह से काम कर जाता हैं।
लेकिन शहरों में छोटे घर और फ्लैट होते है इसलिए ये वहां पर काम नहीं कर पाते है और वहाँ पर गन्दी हवा (Air pollution) बहुत ज़्यादा होता है जैसा कि हम जानते है धुआँ और धूल हमारे स्वाथ्य के लिए बहुत हानिकारक होती है तो इसलिए वेंटिलेशन सिस्टम किसी भी प्रकार की बिल्डिंग के लिए बहुत ज़्यादा ज़रूरी हो गया हैं।
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वेंटिलेशन के बुनियादी नियम (Basic rules of ventilating)
- स्वच्छ वायु की मात्रा अंदर भेजा जाता हैं। (The amount of (Fresh/Oxygen) air is provided inside.)
- इमारत में निकास हवा की दिशा, स्वच्छ क्षेत्रों से गंदे क्षेत्रों की तरफ हमेशा होनी चाहिए। (The direction of exhaust air in the building that should be from clean areas to dirty areas.)
वेंटिलेशन कितने प्रकार का होता हैं। (How many type of ventilation system?)
- स्वाभाविक वेंटिलेशन (Natural Ventilation)
जब हम अपने कमरों, रसोई, शौचालय, बंद पार्किंग क्षेत्र और बेसमेंट की गंदी हवा को बाहर या ताज़ी हवा को अंदर विंडोज या जाली का कट आउट को दिवार में लगा देते है जिसे मैकेनिकल वेंटिलेशन कहा जाता हैं।
उदाहरण- Window, जाली का फ्रेम, रसोई की चिमनी आदि।
- मैकेनिकल वेंटिलेशन (Mechanical Ventilation)
जब हम अपने कमरों, रसोई, शौचालय, बंद पार्किंग क्षेत्र और बेसमेंट की गंदी हवा को बाहर या ताज़ी हवा को अंदर पंखे द्वारा किया जाता है उसे मैकेनिकल वेंटीलेशन कहते हैं।
उदाहरण- Window में पंखे लगाकर, शौचालय में पंखे लगाकर, बेसमेंट में पंखे लगाकर और चिमनी में पंखे लगाकर, किसी भी इमारत में आग लगने पर मैकेनिकल वेंटिलेशन सबसे ज़्यादा कामयाब होता है और इस घटना में Fire Exit Door बहुत ज़रूरी हैं।
- टर्बो वेंटिलेशन (Turbo Ventilation)
जब हम किसी फैक्ट्री में हवा को हवा की दिशा द्वारा बाहर करते है उसे Mixed Mod या Turbo Ventilation कहते हैं।
Ventilation System क्यों बहुत ज़रूरी हैं।
जैसा कि आपको पता चल चुका होगा वेंटिलेशन किसी भी इमारत के बहुत ज़रूरी होता है ये सबसे ज़्यादा उस समय बहुत उपयोग में आता जब किसी इमारत में आग की घटना हो जाती तब ये इमारत से धुआँ निकलने में बहुत मदद करता है। ये सिस्टम बिलडिंग के अलावा कार, बसें, हवाई जहाज़, पानी का जहाज़, ट्रैन में भी होता है इसलिए ये बहुत उपयोगी होता हैं।
क्या वेंटिलेशन सिस्टम आग लगने पर आटोमेटिक काम करता हैं?
हाँ, ये किसी भी बिलडिंग में जैसे-अस्पताल, फैक्ट्री, शॉपिंग मॉल, रेलवे स्टेशन, रिसर्च सेंटर और डाटा सेंटर जैसी बिल्डिंग्स में इसे आटोमेटिक मोड पर रखा जाता है ताकि अपातकालीन स्तिथि में चालू हो जाए। इसलिए वेंटिलेशन सिस्टम को फायर अलार्म सिस्टम से लिंक किया जाता है क्योंकि फायर अलार्म में अनेक तरह के सेंसर लगे होते है जो आग लगने, शार्ट सर्किट होने पर, पानी के लीकेज होने पर तुरंत अलार्म बजने लगता है और ये भी बताता है बिलडिंग केकिस स्थान पर इनमे से घटना हुई हैं और अगर उस स्तिथि में आग लगी हो तो फायर अलार्म धुए सेंसर की साहयता से धुए का पतालेता है और वेंटिलेशन फेन को चालू कर देता है और सारा धुआँ बिलडिंग से बाहर निकल जाता हैं।
हमें आशा है कि अब आप वेंटिलेशनऔर वेंटीलेटर में कभी भी भ्रम में नहीं होंगे और ये भी आपको मालूम हो गया होगा वेंटिलेशन सिस्टम क्यों इतना उपयोगी और अनिवार्य है। इस लेख को पढ़ने के बाद जब भी मार्किट जाओगे तो आप को इसका हमेशा ध्यान रहना चाहिए।
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