आज आपको इस आर्टिकल के माध्यम से एक ऐसे टॉपिक के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिस पर दुनिया की हर चीज टिकी और रुकी हुई है। जैसा कि हम जानते है हवा के बिना जीना असम्भव है, चलिए फिर इसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं।
हवा क्या है? (What is the Air?)
आपको ये तो अच्छी तरह से मालूम है एक दिन में 24 घंटे और एक दिन में 1440 मिनट होते है। थोड़ा सा ये और ज़रूर सोचना अगर हवा नहीं होती तो क्या होता और हवा के बिना कोई भी मानव कितनी देर तक ज़िंदा रह सकता है।
वैज्ञानिकों की रिसर्च के अनुसार कोई भी इंसान बिना तकनीकी के 6 मिनट से ज़्यादा साँस नहीं रोक सकता है। फिर आप ही बताइये अगर ऊपर वाला अगर एक दिन के लिए हवा को बंद करदे तो क्या होगा। हम बस इतना ही बयान कर सकते है हवा को देखा नहीं जा सकता लेकिन इसको बहुत अच्छी तरह से महसूस किया जा सकता है।
आपको यह भी जानकर हैरानी होगी पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा जल और हवा से ही बिजली उत्पन्न की जाती है। यदि इंसान की ज़िन्दगी के लिए सबसे ज़रूरी कोई चीज है तो वह हैं हवा और जल। जिनके बिना जिंदगी की बारे में सोचना भी मुमकिन नहीं है। पानी और हवा में यदि तुलना की जाए तो हमारे लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी क्या है तो आप देख सकते है।
पानी के बिना कुछ दिनों के लिए जिंदा रह सकते हैं। लेकिन हवा के बिना कुछ मिनटों में ही हम भगवान को प्यारे हो जाएंगे इसलिए हवा के बिना ज़िन्दगी की उम्मीद करना भी मुमकिन नहीं हैं। फिर हम आपको बताते हैं कि ज़िन्दगी की सबसे ज़रूरी हवा के बारे में कुछ जानकारी देते है कि वायु या हवा क्या है। और यह किन-किन गैसो से मिलकर बनी होती है।
वायु गैसों का मिलावट है। जिसमें नाइट्रोजन 78% , ऑक्सीजन 21%, ऑर्गन 0.9% और अन्य गैसे 0.1 % होती है। इस तरह से गैसों के 100 प्रतिशत मिलावट से हवा बनती है।
Air is a vital role in our life cycle which are depends on the location where you live, and the air is a mixture of many gasses and tiny dust which are consists in the atmosphere.
जिसका कोई भी रंग नहीं होता और यह सभी दिशाओं में अपना असर डालती है। इसे शरीर के अंदर लिया जा सकता है। यदि हवा ना हो तो सभी जीवों की ज़िंदगी संकट में आ जाएगी। हवा की सहायता से ही इंसान, पेड़-पौधे, जानवर और पक्षी आदि ज़िंदा रहते हैं।
Read more—
दरअसल, ज़िन्दगी की उलझनओं में चैन की सांस मिले ना मिले लेकिन सही तरह से हवा मिलनी बड़ा ही जरूरी है। अगर देखा जाये तो हवा का कोई आकार नहीं होता और ना ही इसकी कोई पहचान है, लेकिन इसके वजूद है वह किसी से कम भी नहीं। हम हवा का आकार रंग रूप में देखे ना देखे। लेकिन इसको हर तरह से महसूस कर सकते हैं।
हवा हमारी सभी कमी को पूरी कर देती है। ज़िन्दगी में इसके जैसी उपयोगी कोई और नहीं है, इसलिए हमें हवा की ज़रूरत को समझने की आवश्यकता है। क्योंकि आज वायु प्रदूषण के कारण वायु दूषित हो रही है और बीमारियां फैल रही है। हमें हर रोज ज़िन्दा रहने के लिए 550 लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
यही ऑक्सीजन यदि दूषित रूप में मिलने लगे तो बीमारियां इतनी बढ़ जाएंगी कि हमें हवा को भी फिल्टर करके लेने की आवश्यकता पड़ने लगेगी। हर किसी को चाहिए कि अपने व्यस्त जीवन में हवा को महत्व देते हुए ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए। जिससे वातावरण हरा-भरा बना रहे और हवा हमेशा शुद्ध रूप में ही मिलती रहें।
वास्तव में वायु का शुद्ध रहना सभी के जीवन के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि वायु प्रदूषण आज बड़ी बीमारियों को जन्म दे रहा है। जिसके कारण मृत्यु दर भी बढ़ती जा रही है और इसके जिम्मेदार भी केवल इंसान ही है।
हम अपनी सुविधाओं के लिए लगातार पेड़ों को काट रहे हैं। जिसके कारण से फैक्ट्ररी और कारखानों से निकलने वाला धुआं सीधे हमारे जीवन को प्रभावित कर रहा है। इसलिए इससे बचने के लिए हमें अपना आसपास इतना हरा-भरा रखना होगा कि फैक्ट्रियों और कारखानों से निकलने वाला गंदा धुंआ हम तक पहुंच ना पाए। यह हमारे लिए कितनी उपयोगी है।
अब आपको हवा के बारे में थोड़ा बहुत तो पता चल ही गया होगा। हवा हमारे जीवन के लिए लाभदायक है इसके बिना ज़िन्दा रहना सोच भी नहीं सकते। हवा को और बेहतर समझने के लिए हम आपको एक ऐसा उदाहरण देते है, जिसके बारे में हर उस इंसान को पता होगा जिसने भी हवाई जहाज़ का सफ़र किया होगा। बात जब भी हवाई जहाज़ की आये तो इसके आविष्कार करने वाले को कैसे भूला जा सकता है।
विल्बर राइट (Wilbur Wright) और ऑरविल राइट (Orville Wright) भाइयों ने हवाई जहाज़ का आविष्कार सन 17 दिसंबर, 1903 में पहला हवाई जहाज़ को उड़ाने की मान्यता प्राप्त उड़ान भरी थीं। बहुत प्रयोग के बाद पहली निर्धारण हवाई सेवा सन 1 जनवरी, 1914 को Florida में शुरू हुई थी। सन 25 अगस्त, 1919 दुनिया की पहली नियमित रूप से अंतर्राष्ट्रीय सेवा इंग्लेंड लंदन, Le Bourget से Hounslow Heath हुई थीं।
जैसा कि हम सब जानते है हमें ज़िन्दा रहने के लिए ऑक्सीजन कितनी ज़रूरी होती है, अगर आप जानना चाहते हो एक इंसान को 24 घंटे ज़िन्दा रहने के लिए कम से कम 550 लीटर ऑक्सीजन मिलनी चाहिये। बस इस बात से हमें पता चला अगर हवाई जहाज़ में ऑक्सीजन ना तो क्या हम ज़िन्दा रह सकते हैं।
हवा का महत्वपूर्ण उपयोग
वैसे तो हवाई जहाज़ की तकनीकी को दुनिया सबसे अच्छी तकनीकी में गिना जाता है इसलिए इसको उड़ान भरने से पहले हर चीज़ को बारीकी से चेक किया जाता है लेकिन उड़ान भरने के बाद इसके अंदर तीन सिस्टम ऐसे होते है जो आपको उड़ान के दौरान जीवित रखते है।
- Oxygen (ऑक्सीजन)
हमें साँस लेने के लिए ऑक्सीजन बहुत महत्वपूर्ण होती है जो कि यह रूप से प्रक्रिया है जो ग्लूकोज़ से कोशिकाओं (Cells) तक ऊर्जा को पहुँचाती हैं। किसी भी हवाई जहाज़ इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है उसमें ऑक्सीजन लेवल के साथ-साथ हवा का प्रेशर भी बनाए रखना पड़ता हैं। कोई भी हवाई जहाज़ अपनी उड़ान समय से और उसमें जितनी सीटें से अधिक ऑक्सीजन लेकर उड़ता है। अगर किसी कोई हवाई जहाज़ अपना केबिन प्रेशर कुछ समय के लिए मेन्टेन नहीं करता है तो ऑक्सीजन मास्क अपने आप यात्रियों के सामने गिर जाएंगे। हवाई जहाज़ के उतरने तक मुँह पर मास्क लगाकर बराबर ऑक्सीजन मिलती रहेंगी
Cabin Air Pressure क्यों ज़रूरी है
Cabin Air Pressure
जब हवाई जहाज़ को आसमान में उड़ाते है तो Cabin के space में हवा का प्रेशर दिया जाता है जो कि यात्रियों के लिए लाभदायक वातावरण नहीं बनाता है क्यों कि इसको जहाज़ की महत्वपूर्ण सुरक्षा के लिए दिया जाता हैं।
जहाज़ अपने केबिन को हवा में पम्प करके प्रेशर से डालता है और तो इस हवा को Air Conditioning System की सहायता से ठंडा और नमी देकर पूरे Cabin में भेजता है जिससे केबिन का तापमान मेन्होटेन जाता है फिर जब केबिन एक आदर्श प्रेशर (10-12PSI) स्तर प्राप्त करता है, हवाई जहाज़ इसे बनाए रखता और इस प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए जहाज़ के बाहर एक आउट फ्लो वाल्व (outflow valve) लगा होता है जो की आटोमेटिक काम करता हैं।
Read more—
जब हवाई जहाज़ काम और ज़्यादा ऊँचाई वाले वायु घनत्व (air density) से गुज़रता है उस समय केबिन का प्रेशर मेन्टेन करना बहुत ज़रूरी होता है। जबकि ज़मीन पर हवा का दबाव 14PSI होता है जब हवाई जहाज़ अपनी पूरी ऊँचाई लगभग 30 हज़ार से 40 हज़ार पर पहुँचता है तब हवा का प्रेशर 4-5PSI हो सकता हैं।
Air Conditioning System ( एयर कंडीशनिंग सिस्टम)
हवाई जहाज़ में हवा को ठंडा करने के लिए एयर साइकिल एयर कंडीशनिंग सिस्टम (Air Cycle Air Conditioning System) का उपयोग किया जाता है, जिसके द्वारा हवा को ठंडा करने के साथ-साथ हवा की मात्रा को भी नियंत्रित किया जाता है एयर साइकिल सिस्टम (Air Cycle System) को एयर कंडीशनिंग पेकज भी कहते है।
हवाई जहाज़ अपने केबिन को हवा में पम्प करके प्रेशर से डालता है और तो इस हवा को एयर कंडीशनिंग पेकज (Air Conditioning Package) की सहायता से ठंडा और नमी देकर पूरे केबिन में भेजता है जिससे केबिन का तापमान मेन्टेन हो जाता हैं।
Cabin Indoor Air Quality (हवा शुद्धता)
हवाई जहाज़ में केबिन हवा शुद्धता (Cabin Indoor Air Quality) को बहुत ही ध्यानपूर्वक तरीक़े से नियंत्रित किया जाता है हवा को एक घंटे में एयर चंजेस पर घंटा (Air Changes per hour) 30 बार बदला जाता है जिसमें साफ़ हवा को 50% तक मिलाकर HEPA फ़िल्टर के माध्यम से गुज़ारा जाता है जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के नियम से होता हैं।
आशा करते है आपको हमारा पोस्ट बहुत पसंद आया और ज्ञानपूर्वक होगा। अब आपको हवा के बारे में बहुत अच्छी से मालूम हो गया होगा, ये हमारे जीवन के लिए कितनी महत्त्वपूर्ण होती है। दोस्तों आप हमारे साथ बने रहिए, हम ऐसे ही लिखते रहेंगे। Please Comment करके ज़रूर बतायेगा हमारा आर्टिकल आपको कैसा लगा।